Monday, November 14, 2011

जीवन के रस कमंडल में, jeevan ke ras kamandal me


Hemant Chauhan

Hindi Kavita



जीवन के रस कमंडल में ,
देश प्रेम की रस धारा हो !
वो मुझको भी प्यारा होता ,
जिसको मेरा देश प्यारा हो !
ना हो चाहे धन वैभव ,
ना हो चाहे कभी यश गान मेरा !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!

देश की शान भी तो ,
जनता की भी शान होती !
देश रहे सुरक्षित जब ,
तब जनता भी रक्षित होती !
अपने देश को आगे बढ़ाएँगे ,
ये भी संकल्प हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!


निजता के वैभव की खातिर ,
देश से ना गद्दारी करना !
देश के दुश्मन से मिलकर ,
कभी  कोई ना यारी करना !
देश रहे सुरक्षित हमारा ,
बस यही भाव हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य हमारा हो !!

धर्म के नामपर कभी कोई ,
अपने देश को मत बाँटो !
जो बाँटने की बात करे ,
उसको पकड़कर सब डांटो !
अपने निज धर्म से पहले ,
रास्ट्र धर्म बस हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!

जिसमें ना हो हित देश का ,
उस काम पर मत जाओ !
संपन्न बनाओ अपने देश को ,
विदेशों के सामने मत गिडगिडाओ !
देश के सम्मान को उँचा करना ,
पहला काम हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!

धर्म जाति के नाम पर देश ,
बॅट रहा, मत उसको बंटने दो तुम !
देश के हितो की खातिर तो ,
सब एक  हो जाओ तुम !
देश बाँटने वाला व्यक्ति तो ,
केवल दुश्मन ही  हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!

जन जन में जागरण कर दो ,
देश की एकता का सब !
गद्दारों के भी पैर उखड़ेंगे ,
एक हो जाएँगे हम सब जब !
हम धर्म नही भारतवाशी हैं ,
बस यही नारा हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!

एक होकर तो देखो तुम ,
एकता का क्या रस होता !
एक हो जाते हैं जब सब तो ,
गद्दारों का क्या वश होता !
एकता भी हम सब में हो ,
और रास्ट्र धर्म हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!

मेरा देश शसक्त हो ऐसा ,
जो किसी से ना डरता हो !
जनता के हित की खातिर ,
जनता के मन का मंथन करता हो !
देश की जनता पर वैभव हो ,
और उन्नत देश हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!

वो तो देश का ही दुश्मन ,
जो तिरंगा फहराने से रोकता हो !
जो देश में तिरंगा फहराने बालों को ,
कभी कहीं भी टोकता हो !
ऐसे गद्दार के तो शीने पर भी ,
तिरंगा फहरा हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य हमारा हो !!

देश के सम्मान मे ही ,
हर जगह तिरंगा लहरा दो तुम !
तिरंगा रोकने वालो की ही ,
छाती पर तिरंगा लहरा दो तुम !
अपने देश का सम्मान ही ,
केवल सम्मान हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!

अपनी निज छमताओं को भी ,
देश हित में लगा  दो तुम !
देश के सम्मान को भी ,
अपने जीवन से सज़ा दो तुम !
दुनिया के देशों की शूची में ,
पहला स्थान हमारा हो !
देश करे उन्नति हमारा ,
यही उद्देश्य  हमारा हो !!

===हेमन्त चौहान===

No comments:

Post a Comment