Sunday, November 13, 2011

देश की खातिर लड़ना होगा Desh Ki Khatir Ladna Hoga


Hemant Chauhan

Hindi Kavita



जो भूल की है तुमने हमने ,
उसका जुर्माना तो भरना होगा !
नकाब पहने हुए नेताओं को ,
बेनकाब तो अब करना होगा !
उठकर खड़े हो देश की खातिर ,
अब देश तुमको पुकार रहा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१!

म्रत्यु की परवाह ना करके ,
जीवन भी दाव पर लगा तो तुम !
देश में ही छुपे बैठे गद्दारों को ,
अब ठिकाने  लगा दो तुम !
नेताओं के झूठे वादों को भी ,
अब सबको पहचानना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !२!

पहंचानो देश मे ही छुपे बैठे ,
देश के ही गद्दारों को !
खुद भी सचेत हो जाओ तुम ,
और सचेत करो अपने यारों को !
देश के दुश्मन जो सत्ता में ,
उनको भी सत्ता से उतरना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !३!

सत्ता के मद में होकर लोभी ,
इठलाते और इतराते जो हैं !
नौकर होकर भी जनता के ,
खुद को मलिक बताते जो हैं !
अब बाहर करके ही सत्ता से ,
उनको भी सबक सिखाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !४!

साथ ना देना देश के गद्दारों का ,
वरना तुम भी गद्दार कहलाओगे !
गद्दारों की मीठी ज़ुबान मे फँस कर ,
एक दिन खुद ही पछताओगे !
देश की उज्ज्वल्ता की खातिर ,
गद्दार नेताओं को पहचानना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !५!

भोली सी सूरत गद्दारों की ,
ये बात भी मीठी मीठी करते हैं !
देश की जनता के पैसे को ,
अपनी जेब में ही तो भरते हैं !
व्यवस्था परिवर्तन की खातिर ,
सत्ता परिवर्तन तो करना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !६!

सत्ता में बैठे हुए जो नेता ,
देश हित की कभी बात ना करते !
जनता के नौकर होकर भी ,
जनता के हित की बात ना करते !
ऐसे गद्दार नेताओं को भी तो ,
सत्ता से अब उखाड़ना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !७!

देश मे जो भ्रस्ट नेता हैं ,
वो तो देश के गद्दार के जैसे !
इस बार भी देश को लूट रहे ,
पिछले हर बार के जैसे !
अगर ये राज़ी से ना मानें तो ,
उनको चुनाव मे हराना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !८!

निज स्वार्थ की ही खातिर जो ,
भोली जनता पर डंडे बरसवाते हैं !
जो रास्ट्र का अन्न खाकर भी ,
रास्ट्र गीत गाने में ही कतराते हैं !
ऐसे गद्दारों के समूल नाश का ,
एक अपराध तो करना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !९!

स्वार्थ की खातिर तो ये नेता ,
अपने ईमान को भी बेच देंगें !
नही जागे हम अब भी तो ,
ये गद्दार देश को भी बेच देंगे !
देश के उपर मरने वाले लोगों को ,
अपना नेता अब बनाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१०!

अपने स्वार्थ के वशीभूत होकर ,
देश की जनता को भ्रमित करते !
देश के लिए लड़ने वालों को भी ,
डराने में भी ये नही डरते !
जनता का अहित करने वाले ,
सब नेताओं को अब जाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !११!

जनता की महनत की कमाई ,
लूटते और अवैध खनन जो करते !
खुद जो मज़े में रहते नेता ,
हमारी स्वतंत्रता का हनन वो करते !
स्वतंत्र होकर भी हम स्वतंत्र नही ,
अब पूर्ण स्वतंत्रता को पाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१२!

देश की जनता के प्रतिनिधि होकर ,
गुलामी करते जो औरों की !
स्वार्थ की खातिर वो अपने ,
जनता से अन्याय करते जोरों की !
गद्दारों के पंजों मे फँसे हुए ,
अपने देश को अब बचाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१३!

देश में अंधकार ना हो कोई ,
देश में अन्याय ना हो कोई !
जगा दो अब उस जनता को भी ,
देश की जनता है जो सोई !
घमंड मे बैठीं सरकारों को ,
तख्ता पलट कर उतरना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१४!

जो समझ बैठीं हैं अपनी बापौती ,
इस देश की ही सत्ता को !
जो लगा रहीं हैं दाव पर भी ,
अपनी ही धरती माता को !
ऐसी सरकारों को तो अब ,
जड़ से उखाडकर फेंकना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१५!

जनता के प्रतिनिधि होकर भी ,
गुलामी आलाकमान की करते हैं !
आलाकमान तो उनकी जनता ,
जिसको तो याद ही ना करते हैं !
ऐसे गद्दारों को अब तो बस ,
हर चुनाव में ही हराना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१६!

निजता को छोड़कर पीछे ही ,
आगे बढ़े जो बस देश की खातिर !
हर कोई समझे ईमान देश को ,
कोई ना हो उनमें शातिर !
जो शीश कटा दें देश की खातिर ,
ऐसे लोगों को चुनना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१७!

देश की जनता ना छली जाए ,
बने ऐसा एक साफ सा रास्ता !
देश के हितों की खातिर ही ,
बने ऐसी एक बहतर सी व्यवस्था !
व्यवस्था परिवर्तन की खातिर तो ,
एक आंदोलन अब करना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१८!

हटना मत तुम कभी पीछे को ,
गद्दारों से कभी मत डरना कोई !
जीवन भी दाव पर लगा करके ,
देश के लिए लड़ना हमेशा हर कोई !
खुद का सर कटा कर भी ,
अपने देश को बचाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !१९!

देश की जनता का गौरव तो ,
अपने देश का ही गौरव है !
देश का गौरव हो जब उँचा ,
अपना गौरव ही तो जब है !
अपना निज गौरव छोड़कर भी ,
देश का गौरव बढ़ाना होगा !
जागकर देश की खातिर तुमको ,
देश की खातिर लड़ना होगा !२०!

===हेमन्त चौहान===





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