Friday, January 6, 2012

जिसको बनाया मैने धड़कन , Jisko banaya maine dhadkan

Hemant Chauhan

Hindi Kavita




जिसको बनाया मैने धड़कन ,
कैसे भुला दूं भला उसको !
वो ही दूर चली गयी मुझसे ,
दिल में बसा रखा है जिसको !
उसको अपनी खुशियाँ दिखीं तो ,
खुशियों की उसने राह पकड़ ली !
वो ही मुझको धोखा दे गयी ,
प्यार किया था मैने जिसको !१!

जिसकी चाहत मे पागल होकर ,
भटकता फिरता राहों में !
वो ही अब दूर है मुझसे ,
कभी था मैं जिसकी बाहों में !
उसको अपनी खुशियाँ ही याद रहीं ,
मैं भी ना याद रहा उसको !
वो ही मुझको धोखा दे गयी ,
प्यार किया था मैने जिसको !२!

अपने निर्मल मन के साथ में ,
धोखा दिया ना उसे किसी बात में !
उस हाथ से हाथ झड़क दिया ,
थमा था मेरा हाथ जिस हाथ में !
धोखा उसने नही दिया शायद ,
मेरे भाग ने धोखा दिया मुझको !
वो ही मुझको धोखा दे गयी ,
प्यार किया था मैने जिसको !३!

उसके लिए मैने अपनी चाहत ,
बिन  सोचे लुटा दी उसपर !
उसने ही मेरा दिल तोड़ दिया ,
भरोसा किया मैने जिस पर !
मेरी निश्च्छल चाहत पर भी ,
शायद ना भरोसा हुआ उसको !
वो ही मुझको धोखा दे गयी ,
प्यार किया था मैने जिसको !४!

मैने तो भरोशा किया उसपर ,
जिसको उसने तोड़ दिया !
अपना जीवन उसको सौंपा ,
उसको भी उसने मरोड़ दिया !
वो ही अकेला कर गयी मुझको ,
अपना जीवन माना जिसको !
वो ही मुझको धोखा दे गयी ,
प्यार किया था मैने जिसको !५!

मेरे दिल को तोड़कर उसने ,
मेरे जीवन को भी उजाड़ दिया !
जो ख्वाबों पौधा सींचा था ,
उसको भी उसने उखाड़ दिया !
उसने ही मेरे जीवन में डाका डाला ,
रखवाला बनाया मैने जिसको !
वो ही मुझको धोखा दे गयी ,
प्यार किया था मैने जिसको !६!

मैने उसको चाहा दिल से ,
मगर उसने मुझको धोखा दिया !
उसने जहर मिला दिया उसमें ,
लबों का जाम जो मैने पीया !
वो तो जहर का प्याला निकला ,
समझ रहा था मैं मधुशाला जिसको !
वो ही मुझको धोखा दे गयी ,
प्यार किया था मैने जिसको !७!

उसकी चाहत में अँधा था इतना ,
ना समझ पाया मैं उसके छल को !
जिस मे ना कभी पानी निकला ,
चलाता रहा मैं उस नल को !
वो तो गैर निकली बाद में ,
अपना समझता रहा मैं जिसको !
वो ही मुझको धोखा दे गयी ,
प्यार किया था मैने जिसको !८!





===हेमन्त चौहान===



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